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🍀क्या आप को मालूम है?
🍀सऊदी अरब के एक बैंक में ख़लीफ़ा-ए-सोम हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का आज भी करंट अकाउंट है।
🍀ये जानकर आपको हैरत होगी कि मदीना मुनव्वरा की म्यूंसिपल्टी में
🍀 हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के नाम पर बाक़ायदा जायदाद रजिस्टर्ड है।
🍀आज भी हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के नाम पर बिजली और पानी का बिल आता है।
🍀 क्या आप जानते हैं कि मस्जिद-ए-नबवी के पास आली शान रिहायशी होटल ज़ेर-ए-तामीर है जिसका नाम उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु होटल है ??
🍀 तफ़सील जानना चाहेंगे ?
🍀ये वो अज़ीम सदक़ा जारिया है जो हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु के सिद्क़ नीयत का नतीजा है।
🌴जब मुसलमान हिजरत करके मदीना मुनव्वरा पहुंचे तो वहाँ पीने के साफ़ पानी की बड़ी क़िल्लत थी।
🌴एक यहूदी का कुँआ था, जो मुसलमानों को पानी महंगे दामों में फ़रोख़त करता था।
🌴इस कुँवें का नाम "बर्र रूमा" यानी रूमा कुँआ था।
🌴मुसलमानों ने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से शिकायत की
🌴और अपनी परेशानी से आगाह किया।
🌴आखरी नबी हजरत मोहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया:
"कौन है जो ये कुँआ ख़रीदे, और मुसलमानों के लिए वक़्फ़ कर दे?
ऐसा करने पर अल्लाह तआला उसे जन्नत में चश्मा अता करेगा।
🌴 "हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु यहूदी के पास गए और कुँआ ख़रीदने की ख़ाहिश का इज़हार किया ।
🌴कुँआ चूँकि मुनाफ़ा बख्श आमदनी का ज़रीया था, इसलिए यहूदी ने फ़रोख्त करने से इनकार कर दिया।
🌴हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु ने ये तदबीर की के यहूदी से कहा पूरा कुँआ ना सही, आधा कुँआ मुझे फ़रोख़त कर दो,
🌴आधा कुँआं फ़रोख़त करने पर एक दिन कुँवें का पानी तुम्हारा होगा और दूसरे दिन मेरा होगा।
🌴यहूदी लालच में आ गया, उसने सोचा इस तरह ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने का मौक़ा मिल जाएगा।
🌴उसने आधा कुँआ हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु को फ़रोख़त कर दिया।
🌴हज़रत उस्मान (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने अपने दिन मुसलमानों को कुँवें से मुफ़्त पानी हासिल करने की इजाज़त दे दी।
🌴लोग हज़रत उस्मान (रज़ियल्लाहु अन्हु) के दिन मुफ़्त पानी हासिल करते और अगले दिन के लिए भी ज़ख़ीरा कर लेते।
🌴यहूदी के दिन कोई भी शख़्स पानी ख़रीदने नहीं जाता।
🌴यहूदी ने देखा कि उसकी तिजारत मंद पड़ गई है
🌴तो उसने हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु से बाक़ी आधा कुँआ भी ख़रीदने की गुज़ारिश की।
🌴इस पर हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु राज़ी हो गए,
🌴और पूरा कुँआ ख़रीद कर मुसलमानों के लिए वक़्फ़ कर दिया।
🌴इस दौरान एक आदमी ने हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु को कुँआ दोगुनी क़ीमत पर ख़रीदने की पेशकश की,
🌴 हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया: कि मुझे इससे कहीं ज़्यादा की पेशकश है।
🌴उसने कहा मैं तीन गुना दूंगा। हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया: मुझे इससे कई गुना की पेशकश है।
🌴उसने कहा: मैं चार गुना दूंगा। हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया: मुझे इससे कहीं ज़्यादा की पेशकश है।
🌴इस तरह वो आदमी रक़म बढ़ाता गया, और हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु यही जवाब देते रहे।
🌴यहाँ तक उस आदमी ने कहा कि हज़रत आख़िर कौन है जो आपको दस गुना देने की पेशकश कर रहा है?
🌴हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया:
🌴कि मेरा रब मुझे एक नेकी पर दस गुना अज्र देने की पेशकश करता है।
🌴वक़्त गुज़रता गया, और ये कुँआ मुसलमानों को सैराब करता रहा,
🌴यहाँ तक कि कुँवें के इर्दगिर्द ख़जूरों का बाग़ बन गया।
🌴इस्लामी सलतनत के दौर में इस बाग़ की देख भाल हुई।
🌴बाद अज़ सऊदी के अह्द में इस बाग़ में ख़जूरों के दरख़्तों की तादाद पंद्रह सौ पच्चास हो गई।
🌴ये बाग़ म्यूंसिपल्टी में हज़रत उसमान बिन अफफ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु के नाम पर रजिस्टर्ड हैं।
🌴वज़ारत-ए-ज़राआत यहाँ के खजूर, बाज़ार में फ़रोख़त करती
🌴और उससे हासिल होने वाली आमदनी हज़रत उस्मान बिन अफफ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु के नाम पर बैंक में जमा करती रही,
🌴यहाँ तक कि अकाउंट में इतनी रक़म जमा हो गई कि मर्कज़ी इलाक़ा में एक प्लाट लिया गया
🌴जहाँ फ़ुंदक़ हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु के नाम पर एक रिहायशी होटल तामीर किया जाने लगा।
🌴इस होटल से सालाना पच्चास मिलियन रियाल आमदनी मुतवक़्क़े है।
🌴 जिसका आधा हिस्सा ग़रीबों और मिस्कीनों में तक़सीम होगा,
🌴बाक़ी आधा हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु के बैंक अकाउंट में जमा होगा।
🌴अंदाज़ा कीजिए कि हज़रत उस्मान बिन अफफ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के इन्फ़ाक़ को अल्लाह ताला ने कैसे क़बूल फ़रमाया,
🌴और उसमें ऐसी बरकत अता की के क़यामत तक उनके लिए सदक़ा-ए-जारिया बन गया।
🌴ये वो लोग हैं जिन्होंने अल्लाह के साथ तिजारत की।
🌴जिन्होंने अल्लाह तआला को क़र्ज़ दिया,
🌴अच्छा क़र्ज़, फिर अल्लाह तआला ने इन्हें कई गुना बढ़ा कर लौटा दिया।।
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🍀सऊदी अरब के एक बैंक में ख़लीफ़ा-ए-सोम हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का आज भी करंट अकाउंट है।
🍀ये जानकर आपको हैरत होगी कि मदीना मुनव्वरा की म्यूंसिपल्टी में
🍀 हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के नाम पर बाक़ायदा जायदाद रजिस्टर्ड है।
🍀आज भी हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के नाम पर बिजली और पानी का बिल आता है।
🍀 क्या आप जानते हैं कि मस्जिद-ए-नबवी के पास आली शान रिहायशी होटल ज़ेर-ए-तामीर है जिसका नाम उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु होटल है ??
🍀 तफ़सील जानना चाहेंगे ?
🍀ये वो अज़ीम सदक़ा जारिया है जो हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु के सिद्क़ नीयत का नतीजा है।
🌴जब मुसलमान हिजरत करके मदीना मुनव्वरा पहुंचे तो वहाँ पीने के साफ़ पानी की बड़ी क़िल्लत थी।
🌴एक यहूदी का कुँआ था, जो मुसलमानों को पानी महंगे दामों में फ़रोख़त करता था।
🌴इस कुँवें का नाम "बर्र रूमा" यानी रूमा कुँआ था।
🌴मुसलमानों ने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से शिकायत की
🌴और अपनी परेशानी से आगाह किया।
🌴आखरी नबी हजरत मोहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया:
"कौन है जो ये कुँआ ख़रीदे, और मुसलमानों के लिए वक़्फ़ कर दे?
ऐसा करने पर अल्लाह तआला उसे जन्नत में चश्मा अता करेगा।
🌴 "हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु यहूदी के पास गए और कुँआ ख़रीदने की ख़ाहिश का इज़हार किया ।
🌴कुँआ चूँकि मुनाफ़ा बख्श आमदनी का ज़रीया था, इसलिए यहूदी ने फ़रोख्त करने से इनकार कर दिया।
🌴हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु ने ये तदबीर की के यहूदी से कहा पूरा कुँआ ना सही, आधा कुँआ मुझे फ़रोख़त कर दो,
🌴आधा कुँआं फ़रोख़त करने पर एक दिन कुँवें का पानी तुम्हारा होगा और दूसरे दिन मेरा होगा।
🌴यहूदी लालच में आ गया, उसने सोचा इस तरह ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने का मौक़ा मिल जाएगा।
🌴उसने आधा कुँआ हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु को फ़रोख़त कर दिया।
🌴हज़रत उस्मान (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने अपने दिन मुसलमानों को कुँवें से मुफ़्त पानी हासिल करने की इजाज़त दे दी।
🌴लोग हज़रत उस्मान (रज़ियल्लाहु अन्हु) के दिन मुफ़्त पानी हासिल करते और अगले दिन के लिए भी ज़ख़ीरा कर लेते।
🌴यहूदी के दिन कोई भी शख़्स पानी ख़रीदने नहीं जाता।
🌴यहूदी ने देखा कि उसकी तिजारत मंद पड़ गई है
🌴तो उसने हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु से बाक़ी आधा कुँआ भी ख़रीदने की गुज़ारिश की।
🌴इस पर हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु राज़ी हो गए,
🌴और पूरा कुँआ ख़रीद कर मुसलमानों के लिए वक़्फ़ कर दिया।
🌴इस दौरान एक आदमी ने हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु को कुँआ दोगुनी क़ीमत पर ख़रीदने की पेशकश की,
🌴 हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया: कि मुझे इससे कहीं ज़्यादा की पेशकश है।
🌴उसने कहा मैं तीन गुना दूंगा। हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया: मुझे इससे कई गुना की पेशकश है।
🌴उसने कहा: मैं चार गुना दूंगा। हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया: मुझे इससे कहीं ज़्यादा की पेशकश है।
🌴इस तरह वो आदमी रक़म बढ़ाता गया, और हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु यही जवाब देते रहे।
🌴यहाँ तक उस आदमी ने कहा कि हज़रत आख़िर कौन है जो आपको दस गुना देने की पेशकश कर रहा है?
🌴हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया:
🌴कि मेरा रब मुझे एक नेकी पर दस गुना अज्र देने की पेशकश करता है।
🌴वक़्त गुज़रता गया, और ये कुँआ मुसलमानों को सैराब करता रहा,
🌴यहाँ तक कि कुँवें के इर्दगिर्द ख़जूरों का बाग़ बन गया।
🌴इस्लामी सलतनत के दौर में इस बाग़ की देख भाल हुई।
🌴बाद अज़ सऊदी के अह्द में इस बाग़ में ख़जूरों के दरख़्तों की तादाद पंद्रह सौ पच्चास हो गई।
🌴ये बाग़ म्यूंसिपल्टी में हज़रत उसमान बिन अफफ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु के नाम पर रजिस्टर्ड हैं।
🌴वज़ारत-ए-ज़राआत यहाँ के खजूर, बाज़ार में फ़रोख़त करती
🌴और उससे हासिल होने वाली आमदनी हज़रत उस्मान बिन अफफ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु के नाम पर बैंक में जमा करती रही,
🌴यहाँ तक कि अकाउंट में इतनी रक़म जमा हो गई कि मर्कज़ी इलाक़ा में एक प्लाट लिया गया
🌴जहाँ फ़ुंदक़ हज़रत उस्मान बिन अफ्फ़ान रज़ियल्लाहु अन्हु के नाम पर एक रिहायशी होटल तामीर किया जाने लगा।
🌴इस होटल से सालाना पच्चास मिलियन रियाल आमदनी मुतवक़्क़े है।
🌴 जिसका आधा हिस्सा ग़रीबों और मिस्कीनों में तक़सीम होगा,
🌴बाक़ी आधा हज़रत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु के बैंक अकाउंट में जमा होगा।
🌴अंदाज़ा कीजिए कि हज़रत उस्मान बिन अफफ़ान रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के इन्फ़ाक़ को अल्लाह ताला ने कैसे क़बूल फ़रमाया,
🌴और उसमें ऐसी बरकत अता की के क़यामत तक उनके लिए सदक़ा-ए-जारिया बन गया।
🌴ये वो लोग हैं जिन्होंने अल्लाह के साथ तिजारत की।
🌴जिन्होंने अल्लाह तआला को क़र्ज़ दिया,
🌴अच्छा क़र्ज़, फिर अल्लाह तआला ने इन्हें कई गुना बढ़ा कर लौटा दिया।।
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