🙈DEEN aur AAKHIRAT-18
🙉 Saturday June 25 2016
🙊 रमज़ान का महीना.... हासिल क्या करना है ?
🙈Part-Eightteen 🙉🙊
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रमजान हमसे विदा लेने को है
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शबे क़द्र: आत्म-सुधार के ज़रिये तक़दीर बदलने की रात shabe qadr
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शबे क़द्र की निशानीः
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💥प्यारे रसूल मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने इस रात की कुछ निशानी बयान फरमाया है जिस के ज़रिये से इस मुकर्रब रात को पहचाना जा सकता है।
💥(1) यह रात बहूत रोशनी वाली होगी, आसमान रोशन होगा , इस रात में न तो बहुत गरमी होगी और न ही सर्दी होगी बल्कि माहौल अच्छा होगा, बेहतर होगा। जैसा कि मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने निशानी बताया है जिसे सहाबी वासिला बिन अस्क़अ रिवायत करते है कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया " शबे क़द्र रोशनी वाली रात होती है, न ज़्यादा गर्मी और न ज़्यादा ठंढ़ी और माहौल बैलेन्सड होता है और सितारे को शैतान के पीछे नही भेजा जाता।" ( तब्रानी )
💥(2) यह रात बहुत बैलेन्स वाली रात होगी। माहौल बहुत अच्छा होगा, न ही गर्मी और न ही ठंडी होगी। हदीस रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) इसी बात को स्पष्ट clear करती है " शबे क़द्र माहौल बैलेन्स रात होती है, न ज़्यादा गर्मी और न ज़्यादा ठंढ़ी और उस रात के सुबह का सूरज जब निकलता है तो लालपन धिमा होता है।" ( सही- इब्नि खुज़ेमा तथा मुस्नद त़यालसी
💥(3) शबे क़द्र के सुबह का सूरज जब निकलता है तो रोशनी धिमी होती है, सूरज के रोशनी में किरण (Rays) न होता है ।जैसा कि उबइ बिन कअब वर्णन करते हैं कि रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया " उस रात के सुबह का सूरज जब निकलता है तो रोशनी में (आम दिनों की तरह) किरण न होती है।" ( सही मुस्लिम )
🌕हक़ीक़त तो यह है कि इन्सान इन रातों की निशानियों का तआर्ररूफ (परिचय) कर पाए या न कर पाए
🌕बस वह अल्लाह की इबादतों, ज़िक्रो- अज़्कार, दुआ और कुरआन की तिलावत,कुरआन पर गौरो फिक्र (गम्भीरता से विचार) करे ।
🌕इख्लास के साथ, केवल अल्लाह को खुश करने के लिए अच्छे तरीक़े से अल्लाह की इबादत करे, प्यारे रसूल मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की इताअत करे, और अपनी कूवत (क्षमता) के अनुसार अल्लाह की खूब इबादत करे
🌕और शबे क़द्र में यह दुआ ज्यादा से ज्यादा करे " अल्लाहुम्मा इन्नक अफुव्वुन करीमुन, तू हिब्बुल-अफ्व,फअफु अन्नी"
, अधिक से अधिक अल्लाह से अपने गुनाहों , गलतियों, गंनाहों घटिया हरकतों, गलीज़ नियतों पर माफी मांगे
🌕जैसा कि आइशा (रज़ी अल्लाहु अन्हा) रिवायत करती हैं कि, मैं ने रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) से सवाल क्या कि अगर मैं क़द्र की रात को पा लूँ तो क्या दुआ करू तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया " अल्लाहुम्मा इन्नक अफुव्वुन करीमुन, तू हिब्बुल-अफ्व,फअफु अन्नी"
मतलब : ऐ अल्लाह ! बेशक तू माफ करने वाला है, माफ करने को पसन्द फरमाता, तो मेरे गुनाहों को माफ कर दे।"
अल्लाह हमें और आप को इस महिने में ज्यादा से ज़्यादा भलाइ के काम, लोगों के फलाह मदद के काम, अल्लाह की इबादत तथा ज़िक्र की कूवत प्रदान करे और हमारे गुनाहों, पापों, गलतियों को अपने रहमों करम ( दया तथा कृपा ) से माफ (क्षमा) करे।
🌹आमीन🌹
🔜कल से जहन्नम से निजात का अशरा शुरू होने वाला है इस मौके पर एतेकाफ कर अल्लाह की मेहमानी हासिल की जाये 🔜हमारे नौजवान दोस्त नियत करे एतेकाफ में बैठें।
🔜जो लोग ‘‘ईद किट’’ के ज़रिये बेसहारा गरीब लोगों की ईद को बेहतर बनाना चाहते हैं
🔜या ज़कात सदाकात फितरा वगैरह सही जगह पहुॅचाना चाहते है
🔜राब्ता करें- 9838587399 कमर भाई सहारा, 9452019493 डा0 सिराज 9919272530 अब्दुल माबूद एडवोकेट 90044243331 बरकत भाई MANAV.ADHIKAR.HELP.LINE
✊✊✊ इंशाअल्लाह बाकी बातें कल✊✊✊
🌿रमजान के बारे में अगर आपके पास अच्छा और मुख्तसर मैटर हो तो हमें भेंजें
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